29.10.13

श्वेता। …… राधा की विरह वेदना

श्वेता। …… राधा की विरह वेदना

हे मेरे प्रिये !
चन्दन जैसे स्वच्छ मन वाले हो तुम
तू ही दूर करती है मेरी मन की ताप

तू ही मेरी जीवन है
मै ही तेरी संगी हूँ

चांदिनी दिलाती है तेरी यादें
कितिने दिन होगये मैं तेरी आघोष में सोये

मैं इस विरह सह नहीं सकती
बतावो कब तुम यहाँ आती

तुम यहाँ कब आओगे
ये खबर कैसे बताओगे

तुम्हारे बिना मैं कैसे जीऊ
मेरी वेदना आपको कैसे बताऊ
जल्दी आओ.....मुझपे समाजाओ ...... 26 Oct 2012

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